पुत्र वही है जो पिता का भक्त हैं, पिता वही है, जो परिवार पोषक हैं, मित्र वही हैं जो, विश्वासपात्र हो ।

शानदार रिश्ते चाहिए तो उन्हें गहराई से निभाइये लाजवाब मोती कभी किनारों पे नही मिलते।

थकान हमेशा काम के कारण नहीं होती बल्कि ज्यातादर चिंता, निराश, भय और असंतोष के कारण होती है।

हर रिश्तों की अलग अलग सीमायें होती है लेकिन जब बात आत्मसम्मान की हो तो वहाँ हर रिश्ता समाप्त कर देना ही उचित है।

 चाणक्य ने कहा था- लोगों को दिखाओ कि तुम मूर्ख हो और तुम्हें कुछ नहीं पता, इससे, तुम्हें लोगों की असलियत पता चल जाएगी, लोग तुम्हें कैसे ठगने लगेंगे।

कभी कभी जीवन में आगे बढ़ने के लिए उन चीजों और व्यक्तियों को भी त्यागना पड़ता है जो कभी तुम्हारी हृदय की गहराइयों में विलीन थे

शत्रु को यदि पराजित ही करना है तो उससे अच्छा लड़ने से पहले उससे अच्छा सोचना व समझना सीखो।

सत्य कभी दावा नहीं करता की मैं सत्य हूँ लेकिन झूठ हमेशा दावा करता है कि सिर्फ मैं ही सत्य हूँ।

उस जगह पर हमेशा खामोश रहना, जहां दो कौड़ी के लोग अपनी हैसियत का गुणगान गाते हैं ।

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