मां, बहन, पत्नी, प्रेमिका हर किरदार बखूबी से निभाती हो। हे नारी, तुम सब कुछ मुमकिन कर जाती हो।

क्यों कहती है दुनिया कि नारी कमजोर हैं, आज भी नारी के हाथों में घर चलाने की डोर हैं।

अपने हौसले से तकदीर को बदल दूं, सुन ले दुनिया, हाँ मैं औरत हूं।

औरतें वो नहीं सुनना चाहती जो आप सोचते हैं, औरतें वो सुनना चाहती हैं जो  वो सोचती हैं …

जहां होता है नारी का सम्मान,  समझ लो वो स्थान है  स्वर्ग के समान

जिस परिवार, समाज और देश में औरत का सम्मान नही होता हैं, उस परिवार, समाज और देश का पतन निश्चित हैं. 

औरत प्यार मोहब्बत करने वाले को शायद भूल जाए मगर वो इज्जत करने वालों को कभी भी नहीं भूलती है।

कुछ लोग कहते हैं औरत का कोई घर नही होता हैं लेकिन मेरा यह अनुभव हैं कि औरत के बिना कोई घर, घर नही होता हैं.

नारी की करूणा अंतर्जगत का उच्चतम विकास है जिसके बल पर समस्त सदाचार ठहरे हुए हैं. 

Chanakya Niti:  रिस्ता, प्रेम और दोस्ती सिर्फ उसी के साथ रखना जो