रिश्ता, दोस्ती और प्रेम - उसी के साथ रखना, जो तुम्हारी हंसी के पीछे का दर्द, गुस्से के पीछे का प्यार और मौन के पीछे की वजह समझ सके।

अगर किसी मित्र को अपने रहस्यों के बारे में बताओगे, तो अवश्य ही आगे चलकर उसके द्वारा नियंत्रित किए जाओगे।

बहेतरीन इंसान अपनी मीठी बातों से ही जाना जाता है, वरना अच्छी बातें तो दीवारों पे भी लिखी होती हैं ।।।

साहस का अर्थ यह नहीं होता की आप डरते नहीं हैं, साहस का अर्थ यह होता है की आप डर की वजह से रुकते नहीं हैं 

हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है। ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो।  यह कड़वा सच है।

धर्म में यदि दया न हो तो उसे त्याग देना चाहिए । विद्याहीन गुरु को, क्रोधी पत्नी को तथा स्नेहहीन बान्धवों को  भी त्याग देना चाहिए ।

आचार्य चाणक्य ने कहा हे गरु केवल आपको शिक्षा दे सकता है। उसका उपयोग कैसे करना है ये आपके ऊपर निर्भर करता है।

कौटिल्य के हिसाब से मुँह पर कड़वा बोलने वाले लोग कभी धोखा नहीं देते, डरना तो मीठा बोलने वालों से चाहिए।

अगर आपको जीवन में आगे बढ़ना है तो बहरे हो जाओ क्योंकि अधिकतर लोगों कि बातें मनोबल  गिराने वाली होती है।

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