आचार्य चाणक्य के अनुसार प्रेम (love) सभी सबंध यानि की रिस्तो का मुख्य मूल है।
इसलिए सभी से प्रेम बनाय रखे
जो तुम्हारा मूल्य न समझे उसके सामने जबरन प्रेम प्रदर्शन मत करना क्योंकि ऐसा करने से तुम्हारे प्रेम के साथ साथ तुम्हारी भावनाओं को भी कुचल दिया जाएगा ।
भूखा पेट, खाली जेब और झूठा प्रेम इंसान को जीवन में बहुत कुछ सीखा जाता है ।
जिस व्यक्ति के पास पैसा है
लोग स्वयं ही उसके मित्र बन जाते हैं।
“कभी किसी के सामने अपनी सफाई पेश मत करना क्योकि जिसे तुम पर विश्वास है उसे जरुरत नहीं और जिसे तुम पर विश्वास नहीं वो मानेगा ही नहीं।"
कामयाब होने के लिए अच्छे मित्रो की जरूरत होती है ओर ज्यादा कामयाब होने के लिए अच्छे शत्रुओं की आवश्यकता होती हैं।
जो शक्ति न होते हुए भी मन से हार नही मानता है, उसको दुनिया की कोई ताकत परास्त नही कर सकती।
“रिश्ता, दोस्ती और प्रेम- उसी के साथ रखना, जो तुम्हारी हंसी के पीछे का दर्द, गुस्से के पीछे का प्यार और मौन के पीछे की वजह समझ सके।"
“जब आप किसी काम की शुरुआत करें, तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें जो लोग इमानदारी से काम करते हैं वो सबसे प्रसन्न होते हैं। "
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“जब आप किसी काम की शुरुआत करें, तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें जो लोग इमानदारी से काम करते हैं वो सबसे प्रसन्न होते हैं। "
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