आपके जीवन में तीन चीजें बहुत जरूरी है  "सेहत" "संतुष्टि" और "शिक्षा" इसके बिना आपका जीवन अधूरा है। .. 

दुसरो को खुद की अत्यधिक जानकारी देने में सावधान रहना क्योंकि आज का मित्र कल तुम्हारा शत्रु  बन सकता है।

कौटिल्य ने कहा हे की जो संबंध आसानी से टूट जाए उस संबंध की नींव कभी गहरी थी ही नहीं ऐसे सबंध जल्द ही टूट जाते है ।

यदि आप आगे बढ़ना चाहते हो तो अतीत में हुई गलतियों से सीख लेना आवश्यक है ना कि उन गलतियों को बार बार याद करके दुखी होना 

सवयं का दर्द महसूस होना जीवित होने का प्रमाण है दूसरों का दर्द महसूस होना इंसान होने का प्रमाण है। ..

बुद्धिमान पिता को अपने पुत्रों को शुभ गुणों की सीख देनी चाहिए क्योंकि नीतिज्ञ और ज्ञानी व्यक्तियों की ही कुल में पूजा होती है।

आचार्य चाणक्य ने कहा की आपके शब्दों में "जिम्मेदारी " झलकनी चाहिए... आपको बहुत से लोग" पढ़ते हैं .. !!

अपनी जिंदगी की तुलना दूसरों से न करें, न क्योंकि चमकते तो चांद और सूरज दोनों है, लेकिन उनका वक्त अलग होता है

कौटिल्य के हिसाब से भीड़ की आवश्यकता उन्हीं को है... जिन्हें एकांत में कोई महत्व नजर नहीं आता.....!!

कौटिल्य के हिसाब से भीड़ की आवश्यकता उन्हीं को है... जिन्हें एकांत में कोई महत्व नजर नहीं आता.....!!