सुधरी हे तो बस मेरी आदते वरना मेरे शौक,
वो तो आज भी तेरी औकात से ऊँचे हैं..!!
अब मैं कुछ नहीं हूँ मैंने माना,
कल को मशहूर हो जाऊ तो कोई रिश्ता मत निकाल लेना..!!
वाकिफ़ तो रावण भी था अपने अंजाम से,
मगर ज़िद्द थी उसकी अपने अंदाज़ में जीने की..!!
जवाब देना तो हमें भी आता है,, लेकिन आप इस काबिल नहीं
कमजोर “वक़्त” है “रक्त” नहीं…!
तू नया नया है बेटे मैने
खेल पुराने खेले है,
जिन लोगो के दम पर तू उछलता है.. वो मेरे पुराने चेले है..!!
मेरा विरोध करना आसान है पर मेरा विरोधी बनना संभव नहीं,
क्योकि जब भी मैं बिखरा हूँ, लोगों की हड्डीया तोड़ के निखरा हूँ..!!
दुश्मन सामने आने
से भी डरते थे,
और वो पगली दिलसे खेल कर चली गयी..!!
शौक से करो बदनाम सरेआम फिर भी सबसे ऊपर होगा हमारा नाम!!
कर लो नज़र अंदाज अपने हिसाब से
जब हम करेंगे, तो बेहिसाब करेंगे.