किसी के काम में तब तक  दखल न दे जब तक की  आपसे पूछा न जाये।

माहौल को बदलना बस में न हो तो अपने आप को माहौल के हिसाब से ढालने की कोशिश करे

किसी से उतना ही वादा करो जितनी आपकी क्षमता हो

"ऐसा कोई काम न करे जिसके लिए आपको बाद में पछतावा हो।"

"दिमाग को खाली न रखे और अच्छे कामो में व्यस्त रहे।"

सफल होने के लिए व्यवहार में बच्चा, काम में जवान और अनुभव में वृद्ध होना जरूरी है

1 तारीख़, 15 तारीख़ और मंडे कभी नहीं आते। किसी कार्य को शुरू करने का एक ही मुहूर्त होता है। अभी !

'अगर आप किसी के लिए हमेशा अवेलेबल रहोगे तो आपकी अहमियत घर की मुर्गी दाल बराबर की रहेगी।'

'आपको जब तक रास्ते समझ में आने लगेंगे तब तक लौटने का वक़्त हो चुका होगा" ।