जो लोग एकांत और शांत वातावरण में किसी भी कार्य का अभ्यास करते हैं, उनकी काम करने की कुशलता सामान्य लोगों से तीन गुणा अधिक होती है।

 जो लोग शांत स्वभाव से किसी को सुनते हैं और समझने का प्रयास करते हैं वो लोग दूसरों को गहराई से समझ पाते हैं।

अगर आपको कहीं  मोल-भाव करना है तो अपने आपको शांत रखें ज्यादा मत बोलें, क्योंकि ऐसा करने से आप सामने वाले व्यक्ति पर दबाव बना पाते हैं।

जब भी आपको किसी से कोई प्रश्न पूछना है और आपको जवाब चाहिए तो अपना प्रश्न बोलकर शांत हो जाएँ लोग आपको जल्द ही जवाब देंगें ।

लोग सबसे ज्यादा भरोसा शांत रहने वाले लोगों का करते हैं क्योंकि ऐसे लोग सोच समझ कर बोलते हैं और दूसरों को सुनते भी हैं।

जब आप शांत मन से कोई निर्णय लेते हैं तो उसमे सफलता के अवसर बढ़ जातें हैं। इसलिए कोई भी निर्णय लेते समय शांत रहें अथवा जल्दबाज़ी या आवेश में आकर कोई निर्णय न लें।

अगर आपको लोगों का नेतृत्व प्रभावी ढंग से करना है तो स्वयं शांत रहकर दूसरे लोगों को ज्यादा से ज्यादा बोलने का अवसर देना चाहिये 

अगर हम लगातार बोलते जाते हैं तो हमारी बातों और विचारों का प्रभाव कम हो जाता है, इसलिए अगर आप बात करते समय बीच- बीच में विराम लेंगें हैं तो लोग आपकी बातों को आसानी से समझ पायेंगें ।

 जो इंसान बोलने से पहले शांत मन से सोचता है वह ज्यादा प्रभावी ढंग से वार्तालाप (बातचीत)  करता है।